बालोद। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के दो जवान बलिदान हो गए। इस मुठभेड़ में 31 नक्सली भी मारे गए हैं। बलिदान होने वाले दोनों जवानों में नरेश ध्रुव डीआरजी और वासित रावटे एसटीएफ में पदस्थ थे।

वासित रावटे ग्राम पंचायत सिंघनवाही के आश्रित गांव फागुनदाह के रहने वाले थे। उनके पिता का भी देहांत हो चुका है। किसान परिवार में जन्मे वासित रावटे को डिफेंस से खासा लगाव था। उनकी उम्र 33 वर्ष थी। वह बीते 12 साल से बीजापुर जिले में कांस्टेबल के पद पर पदस्थ थे।

वासित रावटे की दो बेटियां

  • बलिदानी वासित रावटे कुल चार भाई-बहन हैं। वासित सबसे छोटे थे। दूसरे व तीसरे नंबर पर दो बहने हैं। उनके बड़े भाई प्रीतम कुमार रावटे ने बताया कि दोनों बहनों बुधनतींन राणा और मानबती मसिया की शादी हो चुकी है।
  • वासित की भी शादी 5 साल पहले हो गई थी। उनकी दो बेटियां हैं। एक बेटी तीन साल की और दूसरी डेढ़ साल की है। वासित की दिलचस्पी शुरुआत से ही डिफेंस फोर्स में जाने की थी। जॉइनिंग से पहले उनकी पोस्टिंग शिक्षक भर्ती में भी हो रही थी, लेकिन उन्होंने डिफेंस को ही चुना।

गांव में होगा अंतिम संस्कार

परिवार के लोग बताते हैं कि वह खुद से कभी छुट्टी नहीं लेते थे। जब कभी छुट्टी मिलती थी, तो घर आ जाते थे। वासित के पार्थिव शरीर को लेने उनकी मां, बड़ा भाई, गांव के सरपंच, और अन्य परिजन गए हैं।

जैसे ही वासित के बलिदान होने की खबर मिली तो स्वजन और गांव सहित क्षेत्र में मातम पसर गया। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर गृह ग्राम लाया जाएगा। गांव में ही अंतिम संस्कार होगा। मुठभेड़ स्थल से सभी नक्सलियों के शव समेत एके-47, सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर), इंसास राइफल, बैरेल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) समेत भारी मात्रा में विस्फोटक भी मिले हैं।