बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिला मुख्यालय से 11 किलोमीटर दूर लोफंदी गांव में जहरीली शराब पीने से तीन दिनों के भीतर आठ ग्रामीणों की मौत हो गई है।
मृतकों के स्वजन व ग्रामीणों के अनुसार छह फरवरी को दो, सात फरवरी को पांच और आठ फरवरी को एक ग्रामीण ने कच्ची महुआ शराब (अवैध तरीके से बनाई गई शराब) पीकर तबीयत खराब होने से दम तोड़ा है।

बिना पोस्टमार्टम छह का अंतिम संस्कार

प्रशासन ने अब तक जहरीली शराब से एक भी मौत की पुष्टि नहीं की है। प्रशासन ने एक की मौत सर्पदंश, तीन की हार्ट अटैक व चार की विवाह आयोजन में फूड प्वाइजनिंग से होने की बात कही है। अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची हुई है और जांच में जुटी हुई है। जानकारी के अनुसार छह मृतकों का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम ही कर दिया गया है।

कोचिए ने मंगवाई थी कच्ची शराब

ग्रामीणों के अनुसार गांव के कोचिए (अवैध शराब व्यवसायी) ने मंगलवार को कोटा विकासखंड के गनियारी गांव से कच्ची महुआ शराब मंगाई थी। कोचिए ने खुद भी शराब पी और ग्रामीणों को भी बेची। कोचिए समेत शराब पीने वाले लोग बीमार पड़ते गए।

एक शव पोस्टमार्टम को भेजा गया

मृतकों में कोचिया के साथ सरपंच का भाई भी शामिल है। सरपंच के भाई के अंतिम संस्कार के समय पुलिस गांव पहुंची, तब तक छह लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका था। पुलिस ने उसका शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। वहीं शनिवार को अस्पताल में मारे गए एक व्यक्ति के शव का भी पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

प्रशासन के इन्कार पर ग्रामीणों का सवाल

ग्रामीणों के अनुसार छह फरवरी के जिस भोज का खाना खाकर फूड प्वाइजनिंग की बात प्रशासन की ओर से कही जा रही है, उस भोज में मृतकों समेत गांव के बहुत से लोगों ने भोजन किया था, लेकिन अन्य लोगों की तबीयत तो नहीं बिगड़ी।